13 साल की उम्र में साहित्य में बनाया विश्व रिकॉर्ड-

Author Cadet Deepak

13 साल की कम उम्र में प्रेम कहानी लिखने वाले लेखक बने दीपक कुमार

प्रेम जो समाज को बांधे रहने का एक महान उपाय व अस्त्र या आप जो कहना चाहे बताया गया है। एक बच्चे को जब वह छोटा होता है तो उसे सब से प्रेम करना सिखाया जाता है। उसे उन ग्रंथों का उदाहरण दिया जाता है जिसमें प्रेम भाव व विचारों को श्रेष्ठ बताया गया है। उसे आत्मा के होने का शाश्वत ज्ञान दिया जाता है। एवं आत्मा ही परमात्मा है ऐसे पाठ पढ़ाए जाते हैं।

लोगों की आत्मा को ना दुखाने की नसीहत दी जाती है। समस्त बुराइयों से उसे दूर रहने के लिए प्रेरित किया जाता है। ऐसे उम्दा विचारों के बीच पला बढ़ा एक बच्चा एक अच्छे इंसान की तरह जिंदगी व्यतीत करने के लिए तैयार हो जाता है। पर जब कम से कम 100-200 अध्याय अपने 20 साल के विद्यार्थी काल में पड़ता है उसकी किसी काम नहीं आते उसे ऐसा प्रतीत होता है क्योंकि जब वह बड़ा होता है और देखता है की किताबों में व ग्रंथों में वर्णन किए गए खूबसूरत समाज संसार इस वास्तविक समाज जो उसके सामने हैं इन दोनों का एक दूसरे से दूर-दूर तक कोई भी दृष्टिकोण मेल नहीं खाता है तब उस बालक  की का पहला अध्याय शुरू होता है। वह उन दृष्टिकोणों को इस दुनिया में ढूंढता है पर वह हर जगह हताशा को हासिल करता है क्योंकि हर किसी का अपना दृष्टिकोण होता है लोगों के अपने तरीके होते हैं जिंदगी जीने के सभी अपने- अपने रास्ते खुद  बना रहे होते हैं सही है या गलत किसी को कोई फर्क नहीं। पर वह युवक कैसे ना कैसे करके उन सिखाये हुए रास्ते पर चलने की कोशिश करता है वह कुछ भी करता है लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता है पर फर्क पड़ना तब शुरू होता है जब उसे एक हमसफर मिल जाता है कहने का तात्पर्य यह की कि वह किसी से जब प्रेम करने लग जाता है और उस युवती को अपना हमसफर बनाने की ठानता है बचपन की परवरिश के अनुसार उसे  यह सब करने की पूर्ण स्वतंत्रता है पर जब वह ऐसा करता है तब समाज पर ढके हुए मुखोटे का पता लगता है ना जाने कितने प्रकार के मुखोटे धारण किए हुए यह समाज उसके इस निश्चल प्रेम को पाप घोषित कर देता है।

कुछ ऐसी ही धारणा को व्यक्त करते हुए कानपुर के पास उरई शहर के दीपक जो अभी हाल में राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल अजमेर में अपनी शिक्षा पूर्ण कर रहे हैं ने इन विचारों को एक समूची लंबी कहानी का रूप देते हुए अपने उपन्यास “प्रेमरध” के लिए भारत के सबसे कम उम्र में प्रेम कहानी लिखने वाले लेखक इंडिया बुक आफ रिकॉर्ड्स के द्वारा चुने गए जिन्होंने मात्र 13 साल की छोटी आयु में अपने काव्य को कानपुर में ही स्थित रेडिएंट पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित कराया यह कहानी मध्यम वर्ग के नवयुवक की है जो कुछ इस प्रकार ही समाज के दुष्प्रभावों के द्वारा अपने हमसफर तक पहुंचने में नाकामयाब होता है और यह समाज अपनी बेरुखी से उसे देखती रहती है यह पुस्तक यह उपन्यास ऐसे खोखले रूढ़ीवादी विचारों और पद्धत को धारण करने वाले लोगों को ललकारने के लिए काफी है। ऐसी विचारधारा के साथ यह पुस्तक आपके दिलो-दिमाग प्रभावित करते हुए आपको एक नया एहसास देने के लिए आपके सामने प्रस्तुत है यह अभी हाल में Amazon और flipkart पर उपलब्ध है तो ज्यादा  देर ना करते हुए मुझे लगता है आप लोगो के पास इसकी एक प्रति होनी चाहिए धन्यवाद।

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Editorial- JAN ASTRA

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