हैदराबाद बलात्कार चार अंतिम रास

Rape-Illustration (PIC FROM GOOGLE)
कांग्रेस के डॉ टी सुब्बीरामी रेड्डी ने कहा ‘‘अपराधियों को डर नहीं है। उन्हें अपील करने का सभी समय मिलता है और वह बच भी जाते हैं। ऐसे मामलों में 15 से 20 दिन में सुनवाई होनी चाहिए तथा आगे अपील की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।’’
भाजपा के अश्विनी वैष्णव ने कहा ‘‘हमें उपनिवेशवाद की व्यवस्था को बदलना होगा जो आज तक चली आ रही है। साथ ही पुलिस बल को भी बढ़ाना होगा।’’
सदस्यों के अपनी बात रखने के बाद सभापति नायडू ने कहा कि महिलाओं की मर्यादा एवं उनकी सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में निचली अदालतों में सजा सुनाए जाने के बाद दोषी न केवल आगे की अदालतों में अपील पर अपील करते हैं बल्कि वह माफी के लिए क्षमा याचिका भी देते हैं। ‘‘इस चलन की समीक्षा की जानी चाहिए।’’
नायडू ने कहा कि ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें समाधान हैं लेकिन अपील, फिर अपील, उसके बाद फिर अपील… यह सिलसिला भी चलता है। ‘‘क्या ऐसे व्यक्ति को माफी दिए जाने के बारे में सोचा जा सकता है ? हमें कानूनी तंत्र में, हमारी न्यायिक प्रणाली में बदलाव के बारे में सोचना होगा।’’
महिलाओं के खिलाफ अपराधों को ‘‘निंदनीय’’ बताते हुए नायडू ने कहा कि हमें हमारी कानून व्यवस्था की और पुलिस व्यवस्था की खामियों को खोजना होगा।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की मर्यादा एवं उनकी सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा नहीं होना चाहिए और अगर ऐसा होता है तो सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। ‘‘बहुत देर हो चुकी है। हमें नए विधेयक की जरूरत नहीं है। हमें जरूरत है तो राजनीतिक इच्छाशक्ति की, प्रशासनिक इच्छाशक्ति की और सोच बदलने की। इसके बाद ही हम इस सामाजिक बुराई को खत्म कर सकते हैं। ’’
सभापति ने यह भी सुझाव दिया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के दोषियों की तस्वीरें सार्वजनिक की जानी चाहिए ताकि उनके मन में डर बैठे।
गौरतलब है कि हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल में बतौर सहायक पशु चिकित्सक काम करने वाली 25 वर्षीय महिला का अधजला शव शादनगर में 28 नवंबर को एक पुल के नीचे मिला था। इससे एक दिन पहले वह लापता हो गई थी।
इस मामले में 20 से 24 साल की उम्र के चार लोगों को 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया। शनिवार को इन सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
TEXT- PTI