सौतेली बेटी की हत्या: भारतीय मूल की महिला को 22 साल की सजा

बाथ टब में नौ साल की सौतेली बेटी का गला घोंट कर हत्या करने वाली भारतीय मूल की एक महिला को 22 साल कैद की सजा सुनाई गई है। अदालत ने इस अपराध को ‘‘अकल्पनीय’’ करार दिया है।

क्वींस सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केनेथ होल्डर की अध्यक्षता वाली एक जूरी ने एक घंटे से कम समय में जानबूझ कर की गई हत्या के मामले में पिछले महीने न्यूयार्क में क्वींस के शमदई अर्जुन (55) को दोषी करार दिया। सोमवार को उसे 22 साल कैद की सजा सुनाई गई।

अर्जुन को अगस्त 2016 में अपनी सौतेली बेटी अशदीप कौर का गला घोंट कर हत्या करने का दोषी ठहराया गया था। कौर के देखभाल की जिम्मेदारी अर्जुन की थी।

क्वींस डिस्ट्रिक्ट के कार्यवाहक अटॉर्नी जॉन रयान ने फैसले के बाद एक कठोर बयान में कहा, ‘‘इस मामले में दुष्ट सौतेली मां से प्रतिवादी की कहानी अलग है। इस प्रतिवादी ने अकल्पनीय काम किया, उसने अपनी सौतेली बेटी का नाजुक गर्दन अपने हाथों से दबाया और उसकी हत्या कर दी।’’

रयान ने बताया, ‘‘पीड़िता एक मासूम बच्ची थी और सिर्फ नौ साल की थी। अदालत ने एक ऐसी सजा दी है जो इस बात की गारंटी देगी कि यह महिला फिर कभी जेल से बाहर नहीं निकलेगी। इस दुखद मामले में अदालत की सजा से भी ज्यादा सजा की गारंटी है।’’

सुनवाई के दौरान गवाही के अनुसार, एक चश्मदीद गवाह ने 19 अगस्त 2016 की शाम को अर्जुन को उसके पूर्व पति रेमंड नारायण और उसके 3 और 5 साल की उम्र के दो पोते-पोतियों के साथ क्वींस स्थित उसके घर छोड़ था।

जब उससे नौ वर्षीय लड़की के बारे में पूछा तो अर्जुन ने प्रत्यक्षदर्शी को बताया कि बच्ची स्नानागार में है और अपने पिता का इंतजार कर रही है।

प्रत्यक्षदर्शी ने देखा कि स्नानागार में कई घंटों से रोशनी नहीं थी। उसने पीड़िता के पिता सुखजिंदर सिंह को बुलाया और उनसे स्नानागार का दरवाजा तोड़ने को कहा। उन्हें कौर का नग्न शव स्नानागार में मिला। उसके शरीर पर चोट के कई निशान थे।

चिकित्सा परीक्षण अधिकारी द्वारा दायर एक रिपोर्ट के मुताबिक, हत्या का कारण गला दबाया जाना था।

 

TEXT-PTI

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