वैश्विक ताप वृद्धि के कारण अंटार्कटिक में बर्फ की चादर के ढहने का खतरा

ANTARCTICA

ANTARCTICA(PIC BY GOOGLE)

विश्व का तापमान अगर औद्योगिक क्रांति शुरू होने से पहले के स्तर से चार डिग्री अधिक पर पहुंचता है तो अंटार्कटिक में बर्फ की चादर के एक तिहाई हिस्से के टूटकर समुद्र में बहने की आशंका है।

जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया है कि अंटार्कटिक में बर्फ की चादर के 34 प्रतिशत हिस्से के ढहने का खतरा है।

वैज्ञानिकों ने कहा कि अंटार्कटिक प्रायद्वीप पर बची बर्फ की सबसे बड़ी चादर लार्सन सी बर्फ की उन चार चादरों में से एक है जिसके जलवायु परिवर्तन की चपेट में आने का खतरा है।

ब्रिटेन में रीडिंग यूनिवर्सिटी की इला गिलबर्ट ने कहा, ‘‘बर्फ की चादरें जमीन पर ग्लेशियरों के बहकर समुद्र में गिरने और समुद्र स्तर बढ़ाने से रोकने के लिए महत्वपूर्ण अवरोधक है।’’

गिलबर्ट ने कहा, ‘‘जब ये ढहती हैं तो ऐसा लगता है जैसे किसी बोतल से बड़ा ढक्कन हटाया गया हो। ऐसा होने पर ग्लेशियरों का काफी पानी समुद्र में बह जाता है।’’

शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर तापमान चार डिग्री के बजाय दो डिग्री सेल्सियस तक बढ़ता है तो इस क्षेत्र पर खतरा आधा हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि जब बर्फ पिघलकर इन चादरों की सतह पर एकत्रित होती है उससे इन चादरों में दरार आ जाती है और फिर ये टूट जाती हैं।

PTI-TEXT

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