बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन को मिला दादा साहेब फाल्के पुरस्कार

Amitabh-bachchan (PIC FROM WV)
बॉलीवुड के असली बादशाह व शताब्दी के महानायक अमिताभ बच्चन को ‘दादा फाल्के पुरुस्कार’ मिलने की घोषणा हुई है। यह जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट के जरिए दी। जैसे ही इस खबर का ऐलान हुआ वैसे ही तुरंत सोशल मीडिया पर अमिताभ बच्चन को बधाईयों का तांता लग गया। देश के अलावा विदेशों से तमाम बड़ी हस्तियों ने बधाई दी। सबसे अहम बात यह है कि सिनेमा जगत के अलावा हर क्षेत्र के दिग्गजों ने अपने-अपने अंदाज में बधाई देने का प्रयास किया। यह पुरुस्कार उस कलाकार को दिया जाता है जो भारतीय सिनेमा में उसके आजीवन योगदान के लिए समझा जाता है। राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के लिए आयोजित 17वें समारोह में पहली बार यह सम्मान अभिनेत्री देविका रानी को मिला था। बिग-बी से पहले यह अवार्ड 2017 में विनोद खन्ना को मिला था। इसके अलावा सन 2015 में मनोज कुमार, 2014 में शशि कपूर, 2013 में गुलजार और 2012 में प्राण को मिल चुका है। अमिताभ ने अपने करियर में अनेक पुरस्कार जीते हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और एक दर्जन फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सम्मिलित हैं लेकिन दादा फाल्के पुरुस्कार सबसे बड़ी उपल्ब्धि है।
पिछले पांच दशकों से बॉलीवुड़ का यह बादशाह हर आयु वर्ग के दिलों दिमाग पर राज कर रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इनकी लोकप्रियता हर रोज बढ़ती है। अपने कार्य के प्रति सजग रहने वाला यह कलाकार हर काम इतनी ऊर्जा से करता है कि युवा पीढ़ी भी दंग रह जाती है। जितनी उम्र बढ़ रही है उतनी ही अदाकारी पैनी होती दिखती है। वैसे तो अधिकतर लोगों को पता है फिर भी आपको बता दें कि इस महानायक का जन्म वैसे तो 11 अक्टूबर को हुआ था लेकिन 2 अगस्त को वो अपना दूसरा जन्म दिन मनाते है क्योंकि कुली फिल्म के दौरान एक शॉट में बहुत ज्यादा चोट लग गई थी। जब इनको अस्पताल ले जाया गया तो चार से पांच घंटे तक बचना भी मुश्किल था क्योंकि जब डॉक्टर ने ऑपरेशन करते वक्त उनके पेट को चीरा तो वह देखकर हैरान रह गए थे क्योंकि पेट की झिल्ली और छोटी आंत बुरी तरह से फट गई थी। इसके बाद दूसरे ऑपरेशन के तीन दिन के बाद हालत में कुछ स्तिथि सुधरी थी।
1969 में सात हिन्दुस्तानी से अपनी करियर की शुरुवात करने वाले महानायक ने करीब 200 फिल्में की हैं जिसमें ज्यादातर हिट रही हैं। अमिताभ बच्चन ने अपने जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव देखे। कभी स्वास्थय तो कभी आर्थिक स्थिति को लेकर, लेकिन कभी भी निराश नही हुए और मेहनत को ताकत बनाकर हर चुनौती से लड़कर यह मुकाम हासिल किया। अमिताभ की स्वयं की कंपनी एबीसीएल डूबने पर एक मशहूर राइटर आशोक बैंकर ने अमिताभ बच्चमन की व्यापरिक तौर पर असफलता पर एक लेख लिखा था जिसमें उन्होंने विफलता के कारण का बारिकी से आंकलन करके पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया था। वह कर्ज के बोझ तले बुरी तरह दब गए थे। जानकारों के मुताबिक कौन बनेगा करोड़पति से एक बार दोबारा उभरने का मौका मिला था। यह प्रोग्राम इतना हिट हुआ कि बिग-बी इससे इतने पैसे कमाए कि दोबारा अपने को स्थापित किया। जैसा कि एक्टिगं को लेकर अमिताभ बच्चन की लोकप्रियता में कभी बहुत ज्यादा कमी नही आई थी तो दोबारा फिल्मों से भी जिंदगी की गाड़ी पटरी पर लौट आई।
कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम अभी भी लगातार हिट है। यह अकेला देश का ऐसा कार्यक्रम है जो लगभग दो दशकों से अपनी पकड़ बनाए हुए है। इसका श्रैय बिग-बी को जाता है। बिग-बी ने कभी हताशा से अपना रिश्ता नही ऱखा। उतार-चढाव हर किसी के जीवन में आते हैं लेकिन कुछ लोग हार माने लेते हैं लेकिन कुछ चुनिंदा शक्सियत ही ऐसी होती है जो हर परिस्थिति से लडते हुए, हर संघर्ष से डटते हुए अपने मुकाम को पुन: हासिल करने की ताकत रखती हैं, अमिताभ बच्चन उनमें से ही एक है। अपने पिता मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन की कविताओं औऱ रचनाओं को अपने जीवन में उताकर हर कठिन समय को निकालने का हौसला उनके अंदर देखा गया।अपने को भी और दूसरों को भी हमेशा ‘कोशिक करने वालों की कभी हार नही होती’ सुनकर व सुनाकर हौसला बढाकर नई व सकारात्मक ऊर्जा देने की एक अजीब कला है।
किरदार से शक्सियत का यह सफर तय करने वाला यह महानायक आज कई लोगों को आईडियल बन चुका है। कई जगह देखा जाता है कि बिग-बी की आवाज व एक्टिगं की नकल करके कुछ लोग अपना घर चला रहे हैं। बॉलीवुड़ के अलावा अन्य कई लोगों को स्थापित करने में बिग-बी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। आज बॉलीवुड़ की युवा पीढ़ी भारी आवाज से नदारद है। हर कोई मानता है भारी आवाज का दौर अब नही रहा। अमिताभ, रज़ा मुराद व अमरीश पुरी जैसे कलाकारों की आवाज इतिहास बन जाएगी क्योंकि अब ऐसी आवाज नई पीढ़ी के बसकी बात नही। किसी भी कलाकार को परफेक्ट बनाने के लिए उसकी हर अदा का पूरा होना जरुरी माना जाता है। बिग-बी हर रोल में दर्शकों की वाह-वाही लूटना जानते हैं। वैसे तो बिग-बी ने कई कठिन रोल किए लेकिन फिल्म ‘पा’ के कठिन किरदार को निभाना बेहद कठिन काम था लेकिन हर यहां भी बाजी मर गए। इस लेख के माध्यम से सरकार का धन्यवाद व शताब्दी के महानायक बिग-बी को हम बहुत-बहुत बधाई देते हैं।
TEXT- WV