प्रबंधन से अलग हुए गूगल के दोनों सह-संस्थापक, सुंदर पिचाई बने अल्फाबेट के भी सीईओ

Sundar Pichai (PIC- GOOGLE)

वाशिंगटन, चार दिसंबर (PTI) गूगल के सह-संस्थापकों लैरी पेज और सर्गेइ ब्रिन ने खुद को मातृ कंपनी अल्फाबेट के सक्रिय प्रबंधन से अलग कर लिया है। अब अल्फाबेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का पद भारतीय मूल के सुंदर पिचाई संभालेंगे।

अल्फाबेट और गूगल के प्रबंधन में हुए इस फेरबदल से पिचाई दुनिया के सबसे शक्तिशाली सीईओ में से एक बन गये हैं।

अल्फाबेट ने मंगलवार को बताया कि पेज और ब्रिन क्रमश: सीईओ और अध्यक्ष का पद छोड़ रहे हैं। इसके बाद गूगल के मौजूदा सीईओ पिचाई (47) अब अल्फाबेट के सीईओ का पद संभालेंगे।

यह फेरबदल ऐसे समय हुआ है जब गूगल को कंपनी के वृहद आकार, सूचनाओं की गोपनीयता एवं सुरक्षा को लेकर कंपनी का रवैया तथा समाज पर संभावित प्रभाव को लेकर जांच के बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है।

दोनों सह-संस्थापकों ने एक सार्वजनिक पत्र में कहा कि अब अल्फाबेट अच्छे से स्थापित हो चुकी है और गूगल समेत अन्य सहायक कंपनियां स्वतंत्र तरीके से प्रभावी परिचालन कर रही हैं, ऐसे में यह स्वाभाविक समय है कि प्रबंधन के स्वरूप को सरल बनाया जाये।

उन्होंने कहा, ‘‘हम उन लोगों में कभी नहीं रहे कि जब कंपनी को चलाने का बेहतर तरीका उपलब्ध हो, तब भी प्रबंधन में बने रहें। और अब अल्फाबेट तथा गूगल को दो अलग सीईओ के साथ एक अध्यक्ष की जरूरत नहीं है। आने वाले समय में सुंदर गूगल के साथ अल्फाबेट के भी सीईओ होंगे। वह गूगल का नेतृत्व करेंगे तथा अल्फाबेट के अन्य कारोबार में निवेश का प्रबंधन करेंगे।’’

दोनों सह-संस्थापक अल्फाबेट के निदेशक मंडल में बने रहेंगे।

पिचाई ने कहा कि इस बदलाव से अल्फाबेट की संरचना या उसके काम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने लिखा, ‘‘मैं गूगल पर अपना ध्यान केंद्रित करता रहूंगा और साथ ही कम्प्यूटिंग के दायरे को बढ़ाने, गूगल को हर किसी के लिए अधिक मददगार बनाने के अपने काम को करता रहूंगा।’’

उन्होंने अपने ईमेल में कहा, ‘‘साथ ही मैं अल्फाबेट और प्रौद्योगिकी के जरिए बड़ी चुनौतियों से निपटने के उसके दीर्घकालिक उद्देश्य को लेकर उत्साहित हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सुंदर ने अल्फाबेट की स्थापना के वक्त, गूगल के सीईओ रहते हुए और अल्फाबेट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्य के नाते 15 वर्ष तक हमारे साथ निकटता से काम किया है। अल्फाबेट की स्थापना के बाद से अब तक हमने किसी और पर इतना भरोसा नहीं किया और उनके अलावा गूगल और अल्फाबेट का भविष्य में कोई इतने अच्छे तरीके से नेतृत्व नहीं कर सकता।’’

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